मैं अभी अपनी संगणक विज्ञान की कक्षा में बैठकर ऊब रहा हूं.
मुझे कुछ दिन पहले एहसास हुआ कि मैं अपने आप को पूरी तरह कभी भी सोने नहीं देता हूं. सुबह कक्षा हो तो उठना पड़ता है - उन दिनों मेरी ज्यादा से ज्यादा 6-7 घंटे की नींद होती होगी. लेकिन बाकी छात्रों की भी इतनी ही नींद होती होगी, तो उस हिसाब से मैं कुछ अलग नहीं हूं. पर सप्ताहांत को भी, प्रबोधन घड़ी लगाकर मैं अपने आप को 12 बजे से पहले उठा देता हूं. तब भी 7-8 घंटे की नींद से ज्यादा नहीं होती है. वेशेषज्ञों का कहना है कि मेरी उम्र के लोगों को 9 घंटे की नींद की जरूरत होती है, जो कभी मेरे लिए पूरी तो होती है नहीं. यह मेरी नींद की अनंत कमी... पता नहीं मेरी सेहत पर कैसा प्रभाव करेगी.
ऊकर अब मुझे कक्षा में नींद आ रही है. सोते सोते मुझे प्राध्यापक का वयाख्यान गाने जैसा सुनाई दे रहा है...
31 जनवरी 2008
नींद की अनंत कमी
समय : 19:02
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