... नए लोग, नई जगह ... विश्वविद्यालय आकर मुझे थोड़ा अकेलापन महसूस होने लगा है । उच्चविद्यालय के कुछ दोस्त तो है पर फिर भी, उनसे भी थोड़ा अलगाव महसूस होने लगा है । और मुझे नए दोस्त बनाने आते नहीं । मेरे दो कमरा साथियों में से एक सो दोस्ती हो गई है पर .. फिर भी .. बीच बीच में मुझे लगता है कि काश मैं वापस उच्चविद्यालय जी सकता ।
शायद थोड़ी देर में और अच्छे दोस्त बन जाए । सभी का कहना है कि विश्वविद्यालय ही ज़िंदगी का सबसे मज़ेदार समय होता है ।
27 सितंबर 2007
नई शुरुआतें
समय : 21:55
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें