02 सितंबर 2006

सिद्धांत

कल रात को मेरे पिता ने मुझे एक कहानी बताई ।
एक महिला थी जो अपनी गड़ी में अपने दो बच्चों के साथ घर से निकली हुई थी । सड़क पर बीच रास्ते में एक पिल्ला भाग आया और महिला ने पिल्ले को बचाने के लिए अपनी गाड़ी की गति धीमी की । पीछे से एक बेवकूफ़ आदमी आया, और शीघ्रता से महिला की गाड़ी से टकरा पड़ा । इस दुर्घटना में महिला के दोनो बच्चों की मौथ हो गई ।
यह कहानी मुझे बहुत अखरी । मैं अपने आप को आसानी से उस महिला की जगह देख सकता हूं । अगर मैं किसी पिल्ले को, या फ़िर किसी भी जानवर को, बीच सड़क में देखता, तो ज़रूर ही गाड़ी को धीमी करता । पर अगर ऐसे "सही" काम करने से मैं अपने प्रीय लोगों को संकट में डालता, तो क्या वह काम फ़िर भी "सही" है ? अगर उस महिला जैसे सिद्धांत वाले व्यक्तियों के साथ ऐसी दुर्घटनाएं हो सकती है, तो क्या नैतिक होना ही अच्छा है ?
क्या कठोर विश्च है यह ।

... पाठशाला से काम की कोई कमी नहीं है । उपर से इन विश्वविद्यालय के अन्वेदन पत्र... काश इतना काम नहीं होता । पर मुझे ज्ञान का अन्वेषण वाली कक्षा बहुत रुच रही है । दर्शनशास्त्र कफ़ी दिलचस्प है ।

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मेरे बारे में

aevynn
कैलिफोर्निया का एक विश्वविद्यालयी छात्र